Monday 7 February 2022

जानिए डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय-2022 | Dr Rajendra Prasad In Hindi

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Dr Rajendra Prasad ka Jeevan Parichay- हम इस लेख जानेंगे डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचयशिक्षा, रचनाएँ, भाषा-शैली, और इनके राष्ट्रपति कार्यकाल के  विषय में। 

dr rajendra prasad jeevan parichay

अगर आप एक student और आपको Dr Rajendra Prasad ka Jeevan Parichay के बारे में जानकारी चाहिए तो आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं। आप यहाँ पर जानेंगे राजेंद्र प्रसाद का जन्म कब हुआ था।, राजेंद्र प्रसाद का जन्म कहां हुआ था। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद की मृत्यु कैसे हुई। और इनकी रचनाएँ कौन-कौन सी हैं, इसके अलावा हम इनके राष्ट्रपति कार्यकाल के विषय में भी चर्चा करेंगे। तो चलिए पोस्ट को पूरा पढ़ते हैं।

Dr Rajendra Prasad ka Jeevan Parichay 

देशरत्न डॉ० राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर, 1884 ई० में बिहार राज्य के छपरा जिले के जीरादेई ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम महादेव सहाय तथा माता जी का नाम कमलेश्वरी देवी था। 

कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) विश्वविद्यालय से इन्होने एम० ए० की परीक्षा पास किया। 

Dr Rajendra Prasad बहुत ही मेधावी छात्र थे। और हमेशा सभी परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करते थे। मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में कुछ दिन अध्यापन का का कार्य करने के के बाद राजेंद्र प्रसाद जी सन 1911 से लेकर 1920 ई० तक कलकत्ता तथा पटना हाईकोर्ट में वकालत का कार्य किया। 

Balak ke shabd roop)

परन्तु बाद में गाँधीजी के आदर्शो, सिद्धांतो तथा आंदोलनों से प्रभावित होकर सन 1920 ई में डॉ० राजेंद्र प्रसाद जी ने  वकालत छोड़ दी और पूर्ण रूप से देश सेवा में लग गए। 

Dr Rajendra Prasad ki Jivani (डॉ० राजेंद्र प्रसाद कौन थे ?)

डॉ० राजेंद्र प्रसाद जी भारतीय कांग्रेस के तीन बार सभापति भी चुने गए थे। राजेंद्र प्रसाद जी 1946 एवं 1947 में भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में कृषि और खाद्य मंत्री भी रह चुके हैं। 

इन सब के अलावा डॉ राजेंद्र प्रसाद जी भारत के प्रथम राष्ट्रपति के पद पर भी रह चुके हैं। जिनका कार्य कार्यकाल जब भारत संबैधानिक रूप से स्वतन्त्र हुआ,  26 जनवरी 1950 से 14 मई 1962 तक भारत के राष्ट्रपति भी रह चुके है। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद जी को भारत-रत्न से भी सम्मानित किया गया है। राजेंद्र जी बहुत महँ व्यक्ति थे जिनके अंदर सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, निर्भीकता, देशभक्ति, और सादगी जैसे गुण कूट-कूट कर भरा था। डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की मृत्यु 28 फरवरी, सन 1963 ई० को हुयी। 

Dr Rajendra Prasad ki sahityika parichay (साहित्यिक परिचय)

राजनितिक और देश-प्रेम  के अलावा राजेंद्र प्रसाद जी के अंदर एक कुशल लेखक भी मौजूद था। जिनसे सामाजिक, सांस्कृतिक विषयों पर इनके लेख बराबर निकलते थे। ये हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति पद पर भी रह चुके हैं। इन्होने 'देश' नाम की पत्रिका का संपादन भी किया। 

इतने व्यस्तता के बावजूद इन्होने 'नागरी प्रचारिणी सभा' और 'दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार ' के माध्यम से हिन्दी-भाषा को आगे बढ़ाने का भरसक प्रयास भी किया। और उस समय के पत्रिकाओं में उनके व्याख्यान भी प्रकाशित हुआ करते थे। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने बहुत से प्रभावपूर्णं निबंधों की भी रचना किया जिसमे राजनीती, समाज, शिक्षा, संस्कृति, जान-सेवा आदि विषय शामिल थे। इनकी रचनाओं में उद्धरणों और उदाहरण की संख्या अधिक होती थी। 

Dr Rajendra Prasad ki rachna (रचनाएँ)

डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने बहुत से विषयो पर लेख लिया है जो इस प्रकार हैं-

  • सत्याग्रह एट चम्पारण 
  • भारतीय शिक्षा 
  • इण्डिया डिवाइडेड 
  • गाँधीजी की देन 
  • शिक्षा और संस्कृति 
  • मेरी आत्मकथा 
  • बापू के कदमों में 
  • संस्कृति का अध्ययन 
  • मेरी यूरोप यात्रा 
  • चम्पारन में महात्मा गाँधी 
  • खादी का अर्थशात्र 
इन सभी रचनाओं के अलावा डॉ राजेंद्र प्रसाद जो भाषण आदि देते थे, उनके भी लेख-संग्रह प्रकाशित होते थे। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की भाषा शैली ?

डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की भाषा-शैली सरल, सहज और सुबोध खड़ीबोली होती थी। इनकी भाषा व्यावहारिक होती थी जिसमे अन्य भाषाओ संस्कृत अंग्रेजी और उर्दू आदि भाषाओं का नियमित तौर पर मिश्रण होता था। साहित्यिक और भाषण इनकी 2 मुख्य शैली के होती थी। 

Dr Rajendra Prasad ka Jeevan Parichay In Hindi 

दोस्तों ऊपर हमने Dr Rajendra Prasad ke jivan parichay के बारे में बताया हैं। जिनमें से हमने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों का एक Table तैयार किया हैं, जो आपको याद करने में काफी मददगार होगी। 

ध्यान देने योग्य
जन्म 3 दिसम्बर, 1884 ई०
जन्म-स्थान जीरादेई (छपरा), बिहार
मृत्यु 28 फरवरी, सन 1963 ई०
राष्ट्रपति कार्यकाल 1950 से 1962 तक
भारत रत्न 1962 में
संपादन 'देश' पत्रिका

डॉ राजेंद्र प्रसाद के बारे में दस महत्वपूर्ण तथ्य !

डॉ० राजेंद्र प्रसाद जी भारत के एक महान नेता थे। 
राजेंद्र स्वतन्त्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे। 
इनका जन्म 3 दिसम्बर 1884 में भारत के बिहार में हुआ था। 
इनके पिता का नाम महादेव सहाय था। 
राजेंद्र प्रसाद के माता का नाम कमलेश्वरी देवी था।
डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा छपरा (बिहार) के ही एक स्कूल में हुआ था। 
डॉ राजेंद्र प्रसाद का विवाह  13 वर्ष की बहुत ही कम उम्र में ही राजवंशी देवी से हो गया था। 
डॉ राजेंद्र प्रसाद महात्मा गाँधी जी से बेहद प्रभावित थे, जिसके कारण नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। 
डॉ राजेंद्र प्रसाद जो को 'भारत रत्न' से अलंकृत भी किया गया था। 
डॉ राजेंद्र प्रसाद 28 फरवरी 1963 को स्वर्ग सिधार गए थे। 

आपने क्या सीखा ?
दोस्तों आपने इस लेख में Dr Rajendra Prasad ka Jeevan Parichay के बारे में पढ़ा है, जिसमे हमने डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय, राजनितिक समय, राष्ट्रपति कार्यकाल, साहित्यिक परिचय और इनके मुख्य रचनाओं के विषय में बताया है। मुझे आशा है कि आपको Dr Rajendra Prasad ki jivani बहुत पसंद आयी होगी। 
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